कोरोना का वो खतरनाक लक्षण जो हो गया गायब-जानिए क्यों?

याद है जब स्वाद और गंध का चले जाना कोविड-19 का एक मुख्य लक्षण हुआ करता था? कई लोगों के लिए, यह महामारी की शुरुआती लहरों के सबसे विशिष्ट और अक्सर परेशान करने वाले लक्षणों में से एक था। हालांकि, अब एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, और वैज्ञानिक और डॉक्टर अब पुष्टि कर रहे हैं कि यह विशेष लक्षण नए कोविड वेरिएंट के नैदानिक चित्र से काफी हद तक गायब हो गया है। इस नाटकीय बदलाव ने इस बात पर बहुत अटकलें और शोध को जन्म दिया है कि वायरस अब इन इंद्रियों को पहले की तरह क्यों प्रभावित नहीं करता है। शुरुआती कोविड-19 वेरिएंट, जैसे वुहान स्ट्रेन और डेल्टा, मुख्य रूप से नाक और गले में कोशिकाओं को लक्षित करते थे। यह वायरस नाक के अंदर मौजूद ‘स्मेल रिसेप्टर्स’ को नुकसान पहुंचाता था और मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता था, जिससे गंध और स्वाद दोनों चले जाते थे। यह विशिष्ट लक्षण संक्रमण का एक व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त संकेतक बन गया, जिससे कई लोग इस तरह के अनुभव होने पर जांच कराने के लिए प्रेरित हुए।
अच्छी खबर यह है कि अमेरिका और यूरोप में किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि वर्तमान में 90% से अधिक कोविड-19 रोगियों में अब स्वाद या गंध जाने की समस्या नहीं हो रही है। इस नाटकीय कमी का श्रेय कई कारकों को दिया जाता है। ओमिक्रॉन वेरिएंट के आने से वायरस के व्यवहार में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया। महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर जैसे विशेषज्ञ बताते हैं कि ओमिक्रॉन और इसके बाद के वेरिएंट नाक में गंध से जुड़ी नसों या स्वाद को प्रभावित करने वाले तंत्रिका संबंधी मार्गों को सीधे प्रभावित करने के बजाय ऊपरी श्वसन पथ में अधिक सक्रिय होते हैं। इसके अतिरिक्त, व्यापक टीकाकरण ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिन लोगों को टीका लगाया गया है, उनकी प्रतिरक्षा मजबूत हो गई है जो वायरस को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे यह स्वाद और गंध के नुकसान जैसे गंभीर लक्षण पैदा करने के लिए पर्याप्त रूप से नहीं फैल पाता है। हालांकि यह निश्चित रूप से राहत की बात है, डॉक्टर इस बात पर जोर देते हैं कि वायरस अभी भी खतरा बना हुआ है। नए वेरिएंट अभी भी बुखार, सिरदर्द, खांसी और थकान जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं, जो गंभीर हो सकते हैं। इसलिए, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले स्थानों पर, सावधानी, परीक्षण, बूस्टर खुराक और मास्क पहनने और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करना अभी भी आवश्यक है।