भारत में फिर लगेगा लॉकडाउन? तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना केस, जानें क्या है सरकार का प्लान!

भारत में कोरोना संक्रमण का एक नया दौर शुरू हो चुका है, और एक बार फिर मामलों में तेज़ी देखी जा रही है। देश के विभिन्न हिस्सों से रोज़ाना नए मरीज़ों की संख्या सामने आ रही है, वहीं कुछ राज्यों से संक्रमण से हुई मौतों की भी खबरें मिल रही हैं। इस बढ़ती हुई स्थिति ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या फिर से लॉकडाउन जैसी सख़्ती लागू हो सकती है? क्या हमें इस बार घबराने की ज़रूरत है? हाल ही में भारत में कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट – JN.1 और LF.7 – सामने आए हैं, जो ओमिक्रॉन के ही रूप हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये नए वेरिएंट उतने घातक नहीं हैं और घबराने की ज़रूरत नहीं है। फ़िलहाल ज़्यादातर मामलों में संक्रमण की गंभीरता कम देखी जा रही है, लेकिन बढ़ती संख्या ने सरकार की सतर्कता बढ़ा दी है और स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है।
लॉकडाउन किसी भी सरकार के लिए आख़िरी हथियार होता है, जिसे तभी अपनाया जाता है जब संक्रमण नियंत्रण से बाहर हो जाए और मृत्यु दर असहनीय रूप से बढ़ जाए। इससे पहले कई तरह की सावधानियां और पाबंदियां लगाई जाती हैं, जैसे मास्क अनिवार्य करना, सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगाना, या सीमित समय तक बाज़ार बंद रखना। सरकार फ़िलहाल ऐसी कोई योजना नहीं बना रही है, लेकिन स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है। पहली और दूसरी लहर की तुलना में अब टीकाकरण और बूस्टर डोज़ की वजह से लोगों की सुरक्षा बढ़ चुकी है। इसलिए इस बार कोरोना का नया स्वरूप ज़्यादा ख़तरनाक नहीं माना जा रहा। हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम स्वयं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें – मास्क पहनें, साफ़-सफ़ाई रखें और भीड़-भाड़ से बचें। इससे हम ख़ुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।