अदालत के कल्याण डोंबिवली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई, 48 घंटे में 3 आरोपपत्र दाखिल

कल्याण डोंबिवली में पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले अपराधियों पर नकेल कस रही है। पुलिस ने छेड़छाड़, यौन शोषण और नाबालिग बच्चों के साथ गंभीर यौन उत्पीड़न के तीन मामलों में 48 घंटे के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
उपायुक्त (डीसीपी) अतुल झेंडे ने शनिवार को बताया कि मानपाड़ा, कोलसेवाड़ी और आगा पुलिस स्टेशनों में तीनों मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से दो मामले 25 मई को और एक मामला 28 मई को दर्ज किया गया था। विशेष जांच टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने 27 और 30 मई को सभी मामलों में कल्याण जिले और तृतीय श्रेणी अदालत में जांच रिपोर्ट दाखिल की।
इन मामलों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और पॉक्सो एक्ट से संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने और पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से की है। तीनों आरोपियों को क्रमशः पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक अमोल अंधाले, मानपाड़ा थाने के उप-निरीक्षक एकनाथ पल-बुधे और कोलसेवा थाने के उप-निरीक्षक सुरेश नलवाड़े के नेतृत्व में गिरफ्तार किया गया है।
इन टीमों ने त्वरित जांच की, मुख्य गवाहों के बयान दर्ज किए, महत्वपूर्ण सबूत जुटाए और तीनों मामलों में मजबूत आरोपपत्र तैयार कर अदालत में दाखिल किए। डीसीपी झेंडे ने कहा कि यह हाल के वर्षों में पहली बार है जब महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों में इतनी तेजी से आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। इसका उद्देश्य त्वरित न्याय और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाना है।