“क्या देश से कुछ छिपाया गया है?”-सीडीएस की टिप्पणी पर कांग्रेस ने केंद्र से पूछा सवाल

“क्या देश से कुछ छिपाया गया है?”-सीडीएस की टिप्पणी पर कांग्रेस ने केंद्र से पूछा सवाल

भारत के रक्षा अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अब देशभर में राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान की हालिया कुछ टिप्पणियों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।

इस घटना ने देश की रक्षा तैयारियों की पारदर्शिता और सरकार की जवाबदेही को लेकर नए सिरे से विवाद खड़ा कर दिया है।

‘सच छिपाना’ और ‘भ्रम’: खड़गे का तीखा हमला

सिंगापुर में दिए एक साक्षात्कार में सीडीएस अनिल चौहान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कुछ विस्फोटक टिप्पणियां कीं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान सेना का 15 प्रतिशत समय केवल फर्जी और भ्रामक जानकारी का जवाब देने में ही बीत गया। पाकिस्तान का दावा है कि उन्होंने इस अभियान में छह भारतीय युद्धविमानों को नष्ट कर दिया – इस दावे को हालांकि चौहान ने पूरी तरह ‘गलत’ कहकर खारिज कर दिया है, फिर भी भारत के विमान खोने के मुद्दे पर उनकी परोक्ष स्वीकारोक्ति ने नए विवाद को जन्म दिया है।

इस टिप्पणी के तुरंत बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका आरोप है कि सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर देश से सच छिपा रही है और जनता को गुमराह कर रही है। खड़गे ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर इस मुद्दे पर पूर्ण चर्चा और सरकार की जवाबदेही की मांग की है। उनके अनुसार, देश की रक्षा रणनीति को लेकर ऐसी गोपनीयता लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।

कांग्रेस की मांग स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के माध्यम से पुनर्मूल्यांकन

राजनीतिक गलियारों में अब सवाल है कि इतने महत्वपूर्ण सैन्य अभियान की जानकारी को लेकर इतने दिनों तक क्यों भ्रम बना रहा? क्यों इतने समय बाद सीडीएस के मुंह से ऐसी जानकारी निकली? कांग्रेस ने इस घटना को लेकर सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाया है और एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के माध्यम से देश की रक्षा तैयारियों के पुनर्मूल्यांकन की मांग की है। उनके अनुसार, देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर किसी भी तरह की अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ जिसे अब तक सरकार की सफलता के तौर पर पेश किया जा रहा था, सीडीएस की टिप्पणी और खड़गे के हमले के बाद अब वह नए विवाद का केंद्र बिंदु बन गया है। सरकार की ओर से इन आरोपों का क्या जवाब आता है, यह अब देखने वाली बात है।

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