पाकिस्तान सीमा से सटे परमाणु परियोजना तैयार, भारत के कदम से दुश्मन देश में दहशत

कोलकाता देश में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लक्ष्य में, भारत सरकार ने पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में एक बड़ी परमाणु परियोजना शुरू करने की पहल की है। भारत सरकार जल्द ही एक नहीं, बल्कि चार 700 मेगावाट क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा भट्टियों का निर्माण कार्य शुरू करेगी।
लेकिन भारत (India) पाकिस्तान से सटे किस क्षेत्र में यह परमाणु परियोजना शुरू कर रहा है? और क्यों ये विशाल क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा भट्टियाँ बनाई जा रही हैं? आइए विस्तार से जानते हैं।
परमाणु परियोजना कहाँ बन रही है?
विभिन्न समाचार माध्यमों में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान के माही बांसवाड़ा में 700 मेगावाट क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा भट्टी (Nuclear Power Plant) का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। माही बांसवाड़ा में इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) और राष्ट्रीय तापविद्युत निगम (NTPC) के एक संयुक्त उद्यम अणुशक्ति विद्युत निगम को दी गई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि इन रिपोर्टों के अनुसार, इस विशाल परियोजना के लिए तीन-स्तरीय समीक्षा के बाद भारत की परमाणु नियामक संस्था, यानी एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (AERB) से भी मंजूरी मिल गई है। 700 मेगावाट क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा भट्टी परियोजना को मंजूरी देने के साथ-साथ AERB ने कहा है, “यदि शर्तों का पालन करते हुए परियोजना का निर्माण नहीं किया जाता है, तो मंजूरी की फिर से समीक्षा की जाएगी।”
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दशक से भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहां 2014 में 4,780 मेगावाट परमाणु बिजली का उत्पादन किया गया था, वहीं 10 साल बाद 2024 में परमाणु बिजली उत्पादन लगभग दोगुना होकर 8,180 मेगावाट तक पहुंच गया है। सात-आठ वर्षों के भीतर इसके तीन गुना बढ़कर 22,480 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है।