भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, देशभर में बढ़ रही मृतकों की संख्या

भारी बारिश से कर्नाटक के मैंगलोर और दक्षिण कन्नड़ जिले प्रभावित हुए हैं। गुरुवार रात से लगातार बारिश के कारण दक्षिण कन्नड़ जिले में आठ लोगों की मौत हो गई है। प्रशासन ने बताया कि ये मौतें भूस्खलन और जलभराव के कारण हुई हैं। भारी बारिश से मैंगलोर और दक्षिण कन्नड़ जिलों को भारी नुकसान हुआ है। मैंगलोर शहर के जेप्पिनमोगारु, राव एंड राव सर्किल, मिशन स्ट्रीट और कोप्पारहितलुर जैसे निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। कई घरों, दुकानों और कार्यालयों में पानी घुस गया है। जलमग्न इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कुछ इलाकों में स्थानीय लोग नावों से बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, उल्लाल तालुक में भूस्खलन से एक वृद्धा और उनके दो पोतों की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान प्रेमा कंथप्पा पुजारी (65), आर्यन (3) और आरुष (2) के रूप में हुई है। वहीं, उसी इलाके में घर की दीवार गिरने से फातिमा नईमा (10) नाम की एक किशोरी की मौत हो गई। इसके अलावा, शुक्रवार को दक्षिण कन्नड़ जिले में दो मछुआरों सहित तीन लोगों के पानी में डूबने की खबर मिली है। उनके नाम यशवंत कारकेरा (52), कमलाक्षा सालियान (47) और गुरुप्रसाद भट्ट (35) हैं।

जिलों के प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडू राव ने भूस्खलन पीड़ितों में से प्रत्येक को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने बारिश की स्थिति की समीक्षा के लिए एक विशेष अधिकारी नियुक्त किया है।

जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पहले ही विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों, प्राथमिक और हाई स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। साथ ही, स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखने का निर्देश दिया है। कंट्रोल रूम भी खोला गया है।

दूसरी ओर, देश के अन्य राज्यों में भी यही स्थिति है। असम में भूस्खलन से एक बच्चे सहित कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है। भारी बारिश के कारण अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन की खबरें मिली हैं। मिजोरम में बारिश के कारण पांच होटल भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं। कई लोगों के मरने की आशंका है।

इसके अलावा, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने से तीर्थयात्रियों का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच घायल हो गए। मृतक का नाम टिहरी गढ़वाल है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *