भारत का राफेल बनेगा सुपर जेट, चीन-पाक का होश उड़ गया!

भारतीय वायुसेना (IAF) के राफेल युद्धविमान अब ‘सुपर जेट’ में परिवर्तित होने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। लंबे समय से भारत राफेल जेट में स्वदेशी हथियार और मिसाइलों का समावेश करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, इस प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती स्रोत कोड (Source Code) की अनुपलब्धता रही है, जिस पर भारत और फ्रांसीसी संस्थाओं के बीच लगातार बातचीत चल रही थी। राफेल जेट में जो स्वदेशी हथियार शामिल किए जाएंगे, उनमें Astra MkI, Smart Anti-Airfield Weapon (SAAW), और BrahMos-NG सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल शामिल हैं। इन हथियारों के समावेश से राफेल की हमले की क्षमता में व्यापक वृद्धि होगी, जो चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के मुकाबले भारत को रणनीतिक लाभ देगी।
दासो एवीएशन ने अब स्पष्ट कर दिया है कि IAF को राफेल में किसी भी स्वदेशी हथियार प्रणाली को जोड़ने की पूरी स्वतंत्रता होगी। केवल हथियारों की प्रकारों पर ही नहीं, बल्कि उनकी संख्या पर भी कोई प्रतिबंध नहीं होगा। दासो ने इस प्रक्रिया में तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी आश्वासन दिया है। हालाँकि, स्रोत कोड अभी भी एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। भारत का इरादा फ्रांस के सहयोग के बिना राफेल को अपग्रेड करने का है, लेकिन इसके लिए आवश्यक रडार और एवियोनिक्स सिस्टम के सॉफ़्टवेयर का स्रोत कोड आवश्यक है। समस्या यह है कि रडार का विकास थालेस नामक कंपनी ने किया है, जिसका सॉफ़्टवेयर अधिकार दासो के पास नहीं है। इस वजह से, थालेस अभी तक भारत को वह कोड देने से इनकार कर रही है, जो इस प्रक्रिया में बाधा डाल रहा है।