Title in Hindi: “खामेनेई का सपना छोड़ें नेतन्याहू, रूस का चीन के समर्थन पर बयान”

इजरायल-ईरान संघर्ष में वैश्विक विभाजन
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध को लेकर विश्व के बड़े देश दो हिस्सों में बंट चुके हैं। इस बीच, अमेरिका के दो पुराने प्रतिद्वंद्वी, रूस और चीन, खुलकर ईरान का समर्थन कर रहे हैं। दोनों देशों ने अमेरिका को इस संघर्ष में शामिल होने से रोकने की सलाह दी है, और चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ईरान के खिलाफ युद्ध में कूदता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। हाल में, रूस और चीन के राष्ट्रपतियों ने लगभग एक घंटे तक फोन पर बातचीत की, जिसके बाद उन्होंने इजरायल को युद्धविराम का सुझाव दिया।
इस सलाह का प्रकाश में आना इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए एक चुनौती है, जो ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला अली खामेनेई को हत्या और वहां सत्ता परिवर्तन की बात कर रहे हैं। रूस ने खामेनेई की हत्या के प्रयास को अस्वीकार्य बताया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने स्पष्ट किया कि ऐसी योजनाएं न केवल क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए जोखिम उत्पन्न करेंगी। उन्होंने कहा, “यह स्थिति बेहद उत्तेजक है, और किसी भी अन्य पक्ष के शामिल होने से तनाव बढ़ेगा।”
अंतरराष्ट्रीय तनाव की चिंता
पेसकोव ने चेतावनी दी कि खामेनेई की हत्या से ईरान में कट्टरपंथी विचारधारा को बल मिलेगा। उन्होंने कहा, “जो लोग इसकी योजना बना रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि वे एक खतरनाक स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं।” इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पुतिन के प्रयासों को अस्वीकार कर दिया और सुझाव दिया कि उन्हें पहले अपने देश के संकट पर ध्यान देना चाहिए। पेसकोव ने ट्रंप के बयान को तुच्छ नहीं माना, बल्कि इसे एक अलग दृष्टिकोण के रूप में स्वीकारा। इस प्रकार, इजरायल-ईरान संघर्ष वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव को बढ़ा रहा है, जिसमें विभिन्न शक्तियों के बीच जटिल गतिशीलता देखी जा रही है।