रात की गर्मी छीन रही मजदूरों की नींद, आय पर असर

कोलकाता। बढ़ती गर्मी और लू का सीधा असर मेहनतकश मजदूरों की जिंदगी पर पड़ रहा है। दिनभर की कड़ी मशक्कत के बाद रात में भी उन्हें चैन की नींद नसीब नहीं हो रही है। ‘ग्लोबल चेंज बायोलॉजी’ के शोधपत्र के अनुसार, 1983 से 2017 तक दुनिया की आधी से ज्यादा जमीन पर दिन की तुलना में रात का तापमान 0.25 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। सोमवार को पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच की कार्यशाला में जूट मिल, आईसीडीएस, निर्माण और खेतिहर मजदूरों ने अपनी पीड़ा साझा की।
मजदूरों ने बताया कि रात में ठीक से नींद न आने के कारण वे अगले दिन थकान और शारीरिक समस्याओं से जूझते हैं, जिससे उनकी कमाई और कार्यक्षमता दोनों प्रभावित हो रही हैं। ‘लैंसेट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में 31 देशों में कम से कम 100 दिनों से अधिक समय तक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक गर्मी का अनुभव किया गया। विज्ञान मंच के राज्य सचिव सौरभ चक्रवर्ती ने कहा कि इन अनुभवों के आधार पर मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास किए जाएंगे। केंद्रीय सरकार से लू के दौरान मजदूरों के काम के घंटों में संशोधन और आराम के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है।