जातिगत विवाद का शिकार हुई शिक्षिका, स्कूल से निकाला

उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचकों से मारपीट के बाद उपजे जातिगत विवाद ने एक शिक्षिका का जीवन मुश्किल में डाल दिया है। दांदरपुर गांव की रेनू दुबे को, जो एक निजी विद्यालय में पढ़ाती थीं, इस विवाद के चलते नौकरी से निकाल दिया गया है। कथावाचकों के साथ हुई घटना के बाद जातीय तनाव बढ़ गया, जिसका खामियाजा रेनू दुबे को भुगतना पड़ा। उनका विद्यालय प्रबंधन, जो यादव समुदाय से है, ने कथित तौर पर उन्हें काम पर आने से मना कर दिया, जिससे विधवा शिक्षिका और उनकी बेटी के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
इस घटना ने एक निर्दोष परिवार को प्रभावित किया है, जबकि चार आरोपी जेल जा चुके हैं और 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। समाजवादी पार्टी ने कथावाचकों का सम्मान किया और उन्हें आर्थिक सहायता भी दी, वहीं ब्राह्मण संगठनों ने अपने समुदाय के लोगों का समर्थन किया। लेकिन, इस जातीय संघर्ष में फंसी रेनू दुबे, जिनका विवाद से कोई संबंध नहीं था, अपनी नौकरी खो चुकी हैं। उनके घर के बाहर सुरक्षा के लिए पीएसी के जवान तैनात हैं, लेकिन अब वह और उनकी बेटी विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनके सामने जीवनयापन का गंभीर संकट है।