भारत कैसे बना दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था

अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत की आर्थिक विकास दर लगातार बेहतर बनी हुई है, जिसने दुनिया को हैरान कर दिया है। विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.3% रहने का अनुमान है। इस अनुमान के बावजूद भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। भारत ने 2015 में चीन को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की थी और तब से यह सिलसिला जारी है, जिसकी मुख्य वजह तेल की कम कीमतें, घरेलू स्थिरता और सरकार के आर्थिक सुधार रहे हैं।
कोरोना महामारी जैसी वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत वापसी की है और 2021-22 में 8.7% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहल, एफडीआई नियमों में ढील, जीएसटी का कार्यान्वयन, और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी निवेश ने इस गति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत की यह वृद्धि मुख्य रूप से घरेलू खपत पर आधारित है, जहां एक बड़ा युवा कार्यबल और बढ़ता मध्यम वर्ग अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है, जिससे यह वैश्विक व्यापार तनाव और बाहरी झटकों के प्रति कम संवेदनशील है।