शादी के बाद पराया मन! बरसात की 500 दुल्हनें पति का घर छोड़कर चली गईं, जानिए क्यों?

रूपहले पर्दे पर हमेशा से दिखाया जाता रहा है कि जब कुलीन परिवार की लड़की किसी निम्न वर्ग के प्रेमी के साथ भागती है तो यह बहुत बड़ी निंदा का विषय बन जाता है। फिल्म ‘छद्मबेशी’ का गाना ‘भद्दर घर का लड़की भागे/देरीवरके साथ’ कोई नहीं भूला है। इतने सालों बाद बरसात में इसकी असली तस्वीर देखने को मिल रही है।
बेशक यहां वर्ग भेद नहीं है। हालांकि, जिस तरह प्रेमी के साथ भागने की रूमानियत है, उसी तरह घर टूटने का दर्द भी है। आप सोच रहे होंगे, प्यार तो परवान चढ़ गया, लेकिन दर्द कैसा? सच तो यह है कि पति के न रहने पर गृहणियां प्रेमी के साथ भाग रही हैं, विवाहेतर संबंध बना रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 5 महीनों में कम से कम 500 लोग इस तरह से अपने परिवार तोड़ चुके हैं!
कुछ लोग काम के सिलसिले में दूसरे राज्यों या विदेश में रहते हैं। कुछ काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि वे अपने परिवार को समय नहीं दे पाते। शादी की केमिस्ट्री ठीक से जम नहीं पाती। जीवन में कई ‘दरारें’ हैं। और सोशल मीडिया की दौलत से कई आभासी ‘दोस्त’ उस ‘दरार’ में घुस रहे हैं। दोस्ती से लेकर प्यार, विवाहेतर संबंध। दिन के ज़्यादातर समय वह आभासी प्यार एक खूबसूरत शादी के सपने देखता रहता है। नतीजा यह होता है कि नया जोड़ा प्रेमी का हाथ थामे, बेवफाई की शिकायत करता हुआ, कहीं और घर बनाने की जिद लेकर घर छोड़ देता है। फिर शादी कितने दिन चलेगी? ज़्यादा से ज़्यादा दो से तीन साल। इस बीच पति अवाक रह जाते हैं, जब उनकी पत्नियाँ रातों-रात घर छोड़कर गायब हो जाती हैं! उन्हें कुछ समझ नहीं आता। नतीजा यह होता है कि उन्हें अपनी पत्नियों को वापस घर लाने के लिए पुलिस स्टेशन का दरवाज़ा खटखटाना पड़ता है।
अकेले उत्तर 24 परगना के बारासात पुलिस जिले में ऐसी घटनाओं की संख्या चौंकाने वाली है। पिछले 5 महीनों में 500 गृहणियाँ लापता हो चुकी हैं। वहां किशोरियों के लापता होने की घटनाएं भी काफी चिंताजनक हैं। हालांकि बारासात जिले का हर पुलिस स्टेशन उन्हें बचाने के लिए पूरी तत्परता से काम कर रहा है। लापता लोगों को बचाने के लिए अधिकारी बेताब हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह मोबाइल फोन की लत लोगों को साइबर क्राइम में फंसा रही है, उसी तरह विवाहेतर संबंधों को भी बढ़ा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस साल जनवरी से मई तक पिछले पांच महीनों में कुल 536 युवतियां लापता हुई हैं, जिनमें से करीब 500 गृहणियां हैं। बाकी अविवाहित हैं। कुछ गृहणियां अपने पति के परिचित व्यवसायी के साथ भाग गई हैं, कुछ ठेकेदार हैं, तो कुछ ने किसी अन्य युवक का हाथ थाम लिया है। कुछ दुल्हनों के घर में बच्चे भी हैं। पुलिस के मुताबिक कई मामलों में गृहणियों का पता लग भी जाता है तो वे वापस नहीं आना चाहतीं। उनका साफ कहना है, ‘हम वयस्क हैं। हम जीवन के अच्छे-बुरे को खुद ही समझ लेंगे।’ ऐसा लगता है कि इसमें काफी अच्छे परिवारों की महिलाएं ही शामिल हो रही हैं। इसलिए उनके पति भी अफसरों से अपनी पहचान गुप्त रखने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन ‘घर की लक्ष्मी’ घर लौटने को तैयार नहीं हैं।