बचपन का महंगा सफर, एक बच्चे की परवरिश में लाखों का खर्च

आज के समय में शहरी इलाकों में एक बच्चे को बड़ा करना किसी महंगे शौक से कम नहीं है। बेंगलुरु की स्टार्टअप संस्थापक मीनल गोयल ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट साझा की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि एक बच्चे के पालन-पोषण पर करीब 38 से 45 लाख रुपये तक का खर्च आता है। यह आंकड़ा सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है और दिखाता है कि मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए अब संतान का पालन-पोषण आसान नहीं रहा।
इस भारी-भरकम खर्च में बच्चे के जन्म से लेकर उसकी उच्च शिक्षा तक के विभिन्न मद शामिल हैं। शुरुआती पांच सालों में डिलीवरी, टीकाकरण और डे-केयर पर लगभग 8 लाख रुपये का अनुमानित खर्च आता है, जबकि 6 से 17 साल की उम्र तक स्कूल फीस, ट्यूशन और गैजेट्स पर लगभग 17 लाख रुपये खर्च हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, उच्च शिक्षा पर 13 लाख या उससे भी अधिक का व्यय होता है, जिससे कुल खर्च 38 से 45 लाख रुपये तक पहुंच जाता है। यह बढ़ती महंगाई और शहरी जीवनशैली का सीधा असर है, जो अब बच्चों के भविष्य को आर्थिक नियोजन से जोड़ रहा है।