शुक्राणु ने तोड़ा न्यूटन का नियम, क्या है ‘ऑड इलास्टिसिटी’ का रहस्य

जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के हालिया शोध ने वैज्ञानिक समुदाय में हलचल मचा दी है। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि मानव शुक्राणु तरल माध्यम में तैरते समय न्यूटन के तीसरे नियम का पालन नहीं करते। सामान्य तौर पर, जब शुक्राणु की पूंछ तरल में बल लगाती है, तो तरल को भी विपरीत दिशा में समान बल लगाना चाहिए, जिससे उसकी गति धीमी हो। हालांकि, शोध में पाया गया कि शुक्राणु बिना किसी अपेक्षित प्रतिरोध के आसानी से आगे बढ़ते हैं।
वैज्ञानिकों ने इस रहस्यमय व्यवहार को “ऑड इलास्टिसिटी” नाम दिया है। शुक्राणु की पूंछ इस प्रकार कंपन करती है कि वे बिना ऊर्जा खोए तरंगों की तरह आगे बढ़ते हैं, जिससे एक विशेष प्रकार की “गैर-पारस्परिक क्रिया” उत्पन्न होती है जहाँ प्रतिक्रिया के विपरीत अपेक्षित बल उत्पन्न नहीं होता। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह न्यूटन के नियमों को गलत साबित नहीं करता, बल्कि यह दर्शाता है कि ये नियम बड़े पैमाने पर, संतुलित प्रणालियों पर लागू होते हैं, जबकि आणविक और सेलुलर स्तर पर, विशेष रूप से ‘गैर-संतुलन’ स्थितियों में, ये टूट सकते हैं। यह खोज बायो-इंजीनियरिंग और कृत्रिम प्रजनन जैसे क्षेत्रों में भविष्य के अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।