पैसों से पहचान या काम से? चाणक्य नीति का कड़वा सच

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में समय के महत्व को गहराई से समझाया है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। चाणक्य कहते थे कि समय जिसके साथ होता है, वह बड़े-बड़े प्रतिद्वंद्वियों को भी हरा देता है। जब भाग्य का पहिया किसी के पक्ष में घूमता है, तो एक साधारण दिखने वाला व्यक्ति भी असाधारण बन जाता है। समय की यह शक्ति एक राजा को भिखारी और एक भिखारी को राजा बना सकती है।
चाणक्य नीति में एक और कटु सत्य सरल शब्दों में कहा गया है कि लोग अक्सर व्यक्ति को उसके गुणों से नहीं, बल्कि उसकी हैसियत से आंकते हैं। एक धनी व्यक्ति के साधारण कार्य भी महान दिखते हैं, जबकि एक गरीब का ईमानदारी से किया गया काम भी संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। चाणक्य ने यह भी बताया कि लोग किसी के अच्छे कामों पर चुप रहते हैं, लेकिन गलती होने पर उसकी आलोचना करने लगते हैं। यह नीति हमें अपने कर्मों पर विश्वास रखने और दूसरों को उनके गुणों से आंकने की सीख देती है।