असामाजिक वीडियो ने खोली समाज की संवेदनहीनता की पोल

भारत के एक अज्ञात शहर में एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक युवती नशे की हालत में नाले में गिरती दिख रही है। आसपास मौजूद लोग मदद करने की बजाय उसका वीडियो बनाते और हंसते रहे। यह घटना समाज में बढ़ती संवेदनहीनता और मानवीय मूल्यों के पतन को दर्शाती है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है, जहां कई लोग इसे “निर्दयी समाज” का प्रतीक बता रहे हैं और महिलाओं में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
विशेषज्ञों ने इस वायरल वीडियो को समाज के नैतिक पतन का गंभीर संकेत बताया है। मनोवैज्ञानिकों और समाजशास्त्रियों का मानना है कि यह केवल एक लड़की का गिरना नहीं, बल्कि डिजिटल युग में इंसानियत के खो जाने का प्रमाण है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और महिलाओं के अशोभनीय प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम के तहत किसी महिला की असहाय स्थिति को बिना अनुमति रिकॉर्ड कर साझा करना दंडनीय अपराध हो सकता है। यह घटना शिक्षा और नैतिकता के महत्व पर एक बार फिर जोर देती है ताकि ऐसे असामाजिक व्यवहार पर अंकुश लगाया जा सके।