इंदौर मेट्रो उद्घाटन टला बड़ा हादसा, दो बंगाली इंजीनियरों की सूझबूझ ने बचाई जान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मध्य प्रदेश की पहली मेट्रो सेवा, इंदौर मेट्रो का उद्घाटन किया है। यह परियोजना बड़े गर्व के साथ शुरू की गई थी, लेकिन इसकी सफलता के पीछे एक बड़ी दुर्घटना की कहानी छिपी है। बिना किसी उचित योजना के मेट्रो के खंभों का निर्माण शुरू हो गया था, जिससे यह संदेह पैदा हो गया कि निर्माणाधीन खंभे मेट्रो ट्रेन का भार सहन कर पाएंगे या नहीं।
इस गंभीर स्थिति में आईआईटी बॉम्बे के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के चेयर प्रोफेसर दीपंकर चौधरी और उनके शोध सहयोगी चैदुल हक चौधरी संकटमोचक बनकर सामने आए। उन्होंने अपनी टीम के साथ खंभों का गहन परीक्षण किया और पाया कि वे बहुत कमजोर थे। उन्हें तोड़कर दोबारा बनाना संभव नहीं था, इसलिए उन्होंने खंभों के चारों ओर गहरी चिनाई करके उन्हें मजबूत करने की सलाह दी। इस अनूठी रणनीति ने खंभों को इतनी मजबूती दी कि इंदौर मेट्रो सेवा सफलतापूर्वक शुरू हो सकी, जिससे एक बड़े संभावित हादसे को टाल दिया गया।