परमाणु बम हमला आसमान में या जमीन पर, कौन सा ज़्यादा ख़तरनाक

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच ब्रह्मोस मिसाइल हमले की अफवाहों ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बहस छेड़ दी है। इन अफवाहों के अनुसार, भारतीय मिसाइल ने पाकिस्तान के किराना हिल्स क्षेत्र में हमला किया था, जिसे पाकिस्तान का परमाणु हथियार भंडारण स्थल माना जाता है। हालांकि, भारतीय वायुसेना ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत ने किसी भी पाकिस्तानी परमाणु स्थल पर हमला नहीं किया। इस घटना ने एक बार फिर परमाणु युद्ध की रणनीतियों और उनके विनाशकारी प्रभावों पर चर्चा को तेज़ कर दिया है।
परमाणु बम विस्फोट की दो मुख्य विधियां हैं- एयरबर्स्ट (हवा में विस्फोट) और सरफेस बर्स्ट (ज़मीन पर विस्फोट)। अमेरिकी डिफेंस टेक्निकल इंफॉर्मेशन सेंटर के अनुसार, अधिकांश परमाणु विस्फोट एयरबर्स्ट विधि से किए जाते हैं, जिसमें बम ज़मीन से कुछ सौ मीटर ऊपर फटता है, जिससे इसकी शॉकवेव समान रूप से फैलती है और व्यापक विनाश होता है। 1945 में हिरोशिमा पर हुए हमले में भी इसी विधि का उपयोग किया गया था। इसके विपरीत, सरफेस बर्स्ट तब होता है जब बम सीधे ज़मीन पर टकराता है, जिसका उपयोग बंकरों या भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। इसमें अधिक परमाणु विकिरण और दीर्घकालिक फ़ॉलआउट का ख़तरा होता है। भारत की ‘नो फर्स्ट यूज़’ नीति है, जबकि पाकिस्तान सामरिक परमाणु हथियारों (TNW) का उपयोग करने की रणनीति अपनाता है।