सिंधु जल संधि पर सरकार का जन जागरूकता अभियान शुरू

पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा स्थगित की गई सिंधु जल संधि को लेकर अब केंद्र सरकार जनता के बीच जागरूकता अभियान चलाएगी. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि इस संधि को क्यों रोका गया और इससे देश को क्या लाभ होंगे. सरकार चाहती है कि जनता स्वयं यह महसूस करे कि 1960 में कांग्रेस सरकार द्वारा की गई यह संधि किसानों के साथ अन्यायपूर्ण थी, जिसके तहत भारत के हिस्से का पानी और पैसा पाकिस्तान को चला गया.
इस आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तरी राज्यों से होगी. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव सहित कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री जनता को आसान भाषा में इस संधि के स्थगन के फायदे समझाएंगे. इसके लिए हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी सहित कई भाषाओं में बुकलेट भी तैयार किए जा रहे हैं, जो किसानों को पानी की उपलब्धता और बिजली उत्पादन की बढ़ी हुई संभावनाओं के बारे में जानकारी देंगे. भारत अब सिंधु नदी के पानी का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए दीर्घकालिक रणनीति पर काम कर रहा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तक पानी पहुंचाने के लिए नहरें बनाने की योजना शामिल है.