सरकारी कर्मचारी की दो पत्नियाँ, मृत्यु के बाद किसे मिलेगी पेंशन? जानिए पूरा नियम

सरकारी कर्मचारी की दो पत्नियाँ, मृत्यु के बाद किसे मिलेगी पेंशन? जानिए पूरा नियम

पेंशन सरकारी कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा कवच की तरह काम करती है। रिटायरमेंट के बाद जब आय का नियमित स्रोत बंद हो जाता है, तो यही पेंशन उनके और उनके परिवार के खर्च का मुख्य सहारा बन जाती है।

खासकर पारिवारिक पेंशन या फैमिली पेंशन उस स्थिति में बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है, जब कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, जिससे उसके परिवार को थोड़ी राहत मिलती है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, अगर किसी सरकारी कर्मचारी की दो पत्नियाँ हैं और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन किसे मिलेगी? यह सवाल न केवल संवेदनशील है, बल्कि कानूनी और तकनीकी रूप से भी काफी जटिल है। आइए जानें, इस स्थिति में सरकार और पेंशन नियमों की क्या भूमिका है और पारिवारिक पेंशन का बंटवारा कैसे होता है।

क्या कहता है कानून?

सरकार ने पिछले साल यानी 2024 में इस संबंध में आधिकारिक ज्ञापन जारी कर मामले को स्पष्ट किया था। इसमें कहा गया था कि ऐसी स्थिति में सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। अब अगर हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की बात करें तो अगर कोई व्यक्ति पहली पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी करता है तो उसे अवैध विवाह माना जाता है। यह नियम सीसीएस पेंशन नियम, 2021 के नियमों के अनुरूप भी है।

इसलिए ऐसी स्थिति में जब कोई कर्मचारी दो बार शादी करता है तो सबसे पहले यह जांच की जाती है कि दूसरी शादी वैध है या नहीं। इसके लिए हर मामले में कानूनी सलाह लेना अनिवार्य है।

किसको और कैसे मिलेगी पारिवारिक पेंशन?

सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 50(6)(1) के अनुसार, कर्मचारी जिस जीवनसाथी से वैधानिक रूप से विवाहित है, वही पेंशन पाने का हकदार है। अगर दोनों विवाह वैध माने जाते हैं (मुस्लिम कानून के अनुसार) या किसी विशेष परिस्थिति में दूसरे विवाह को कानूनी मान्यता प्राप्त है, तो पारिवारिक पेंशन दोनों पत्नियों के बीच बराबर-बराबर बांटी जाएगी। लेकिन अगर दूसरा विवाह अमान्य या अवैध पाया जाता है, तो उसे पेंशन दावेदार नहीं माना जाएगा।

बच्चों को पेंशन का हिस्सा कब मिलेगा?

अगर वैध पत्नी की मृत्यु हो जाती है या वह पेंशन के लिए अयोग्य हो जाती है (जैसे कि अगर वह दोबारा शादी करती है या कानूनी कारणों से अपने अधिकार खो देती है), तो उसका हिस्सा उसके बच्चों को दिया जाता है। लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि बच्चे सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 50(9) के तहत निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करें। उदाहरण के लिए, बच्चे अविवाहित होने चाहिए, किसी सरकारी सेवा में नहीं होने चाहिए और एक निश्चित आयु से कम होने चाहिए।

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