ईरान का UN अधिकारी को फाँसी देने का इरादा

ईरान और इज़राइल के बीच 13 जून को हुए संघर्ष के बाद, ईरान में इज़राइली जासूसों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है. इस संघर्ष में कम से कम 627 लोगों की मौत हुई और 4,870 घायल हुए, जबकि देश के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा. युद्ध समाप्त होने के बावजूद, ईरान इज़राइल से जुड़े संदिग्धों की तलाश कर रहा है, और त्वरित सुनवाई के बाद दो दिनों के भीतर उन्हें फाँसी दी जा रही है.
अभी तक जासूसी के आरोप में छह लोगों को फाँसी दी जा चुकी है. संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी पर भी इज़राइल को ईरान की खुफिया जानकारी देने का आरोप लगा है. ईरान के एक प्रमुख अखबार ‘कायहान’ में प्रकाशित एक लेख में ग्रॉसी को इज़राइली मोसाद एजेंट बताया गया और ईरान में प्रवेश करने पर उन्हें मृत्युदंड देने की बात कही गई. इसके चलते ईरान ने IAEA प्रमुख और एजेंसी के निगरानी कैमरों को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों से प्रतिबंधित कर दिया है, जिस पर ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों ने कड़ी निंदा व्यक्त की है.