भारत का चीन को जवाब, मध्य एशिया से व्यापार का नया रास्ता

भारत चीन की ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत और वैकल्पिक व्यापार मार्ग तलाश रहा है, जिसमें कजाकिस्तान का ‘ट्रांस-कैस्पियन इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट रूट’ (TITR) या ‘मिडिल कॉरिडोर’ अहम भूमिका निभा सकता है. यह कॉरिडोर भारत को मध्य एशिया और यूरोप से व्यापार के नए रास्ते खोलेगा, जिससे चीन पर उसकी व्यापारिक निर्भरता कम होगी. चीन के BRI के तहत ‘चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (CPEC) भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करता है, क्योंकि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से गुजरता है, जिसका भारत विरोध करता है.
मिडिल कॉरिडोर, जो रेल और समुद्री मार्ग से चीन, मध्य एशिया, कैस्पियन सागर और यूरोप को जोड़ता है, रूस या चीन पर कम निर्भरता के साथ एक लचीला विकल्प प्रदान करता है. 2024 में इस कॉरिडोर से माल ढुलाई में 62% की वृद्धि दर्ज की गई और कजाकिस्तान इसे और मजबूत करने के लिए व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है. लाल सागर में हालिया अशांति के कारण स्वेज नहर के मार्ग में आई बाधाओं को देखते हुए, यह कॉरिडोर भारत के लिए यूरोप और मध्य एशिया के साथ व्यापार के लिए एक सुरक्षित और तेज विकल्प प्रदान करता है. यह भारत की निर्यात रणनीति को मजबूत करेगा और उसे चीन या किसी एक मार्ग पर अत्यधिक निर्भरता से मुक्ति दिलाएगा.