रूस भारत को दे सकता है 4 अत्याधुनिक हथियार, चीन पर पड़ेगा दबाव!
July 1, 2025

भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग फिर से जोर पकड़ रहा है। हाल ही में चीन के क़िंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव की मुलाकात ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को नई मजबूती दी है।
माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में भारत को रूस से चार अत्याधुनिक और घातक रक्षा प्रणालियाँ मिल सकती हैं, जिससे भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि ये हथियार मिलने पर पाकिस्तान और चीन की चिंताएँ बढ़ना तय है।
- आर-37एम (R-37M) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल
रूस से मिलने वाली यह लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल भारतीय वायुसेना को मिल सकती है। इसकी गति करीब 7,400 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह 300 किलोमीटर से अधिक दूरी पर हवाई लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट करने में सक्षम है। यह मिसाइल आधुनिक मार्गदर्शन प्रणाली से लैस है, जिसमें जड़त्वीय नेविगेशन और सक्रिय रडार शामिल हैं। - एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम
भारत ने पहले ही रूस से पांच एस-400 यूनिट खरीदी हैं, जिनमें से कुछ डिलीवर भी हो चुकी हैं। अतिरिक्त यूनिट के लिए चर्चा चल रही है। यह सिस्टम 400 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के विमान, ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट कर सकता है। इससे भारत की वायु रक्षा क्षमताएँ काफ़ी मज़बूत हुई हैं। - एस-500 एयर डिफेंस सिस्टम
एस-500 रूस की अगली पीढ़ी की वायु रक्षा प्रणाली है, जिसकी रेंज 600 किलोमीटर तक है। यह अंतरिक्ष में दुश्मन के उपग्रहों को भी नष्ट कर सकती है। कथित तौर पर भारतीय सेना इसमें विशेष रुचि दिखा रही है। अगर यह अपने आप में आ जाती है, तो भारत की सामरिक प्रतिरोधक क्षमता और भी बढ़ जाएगी। - सु-57 स्टील्थ फ़ाइटर जेट
सु-57 रूस का पाँचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फ़ाइटर जेट है, जिसकी अधिकतम गति मैक 2+ है और इसकी रेंज लगभग 3,500-4,500 किलोमीटर है। यह लड़ाकू विमान अत्याधुनिक हथियारों से लैस है और भारत इसे अपनी वायुसेना में शामिल करने पर विचार कर सकता है।