बिहार में मुस्लिम वोट पर सियासी घमासान, वक्फ बनाम पसमांदा की लड़ाई

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम वोटों को साधने के लिए राजनीतिक दलों के बीच जोर-आजमाइश तेज हो गई है। हाल ही में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ इमारत-ए-शरिया द्वारा पटना के गांधी मैदान में ‘वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ’ रैली का आयोजन किया गया, जिसमें विपक्षी दलों के कई बड़े नेता शामिल हुए। इस मंच से जहां विपक्षी दलों ने मोदी सरकार और नीतीश सरकार को मुस्लिम विरोधी ठहराने की कोशिश की, वहीं वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और संविधान की मूल भावना को बनाए रखने की मांग भी उठाई गई।
इसके जवाब में, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोमवार को ‘पसमांदा मिलन समारोह’ आयोजित कर एक बड़ा राजनीतिक दांव चला है। बिहार में लगभग 18% मुस्लिम आबादी है, जिसमें 80% पसमांदा समुदाय से आते हैं। बीजेपी जहां पसमांदा मुस्लिमों को लुभाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं विपक्षी गठबंधन वक्फ कानून का विरोध कर मुस्लिम समुदाय के वोटों को एकजुट करने का प्रयास कर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की मुस्लिम सियासत किस करवट बैठती है, खासकर उन 48 विधानसभा सीटों पर जहां मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं।