किम जोंग उन के जासूसों ने अमेरिका में रची साइबर साज़िश

जब अमेरिका पश्चिम एशिया में इजरायल-ईरान संकट से जूझ रहा था, उसी दौरान उत्तर कोरिया ने अमेरिकी धरती पर एक बड़ी ख़ामोश जंग छेड़ दी। उत्तर कोरियाई जासूसों ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ का फायदा उठाते हुए अमेरिका में एक विशाल साइबर जासूसी नेटवर्क स्थापित कर लिया। इन एजेंट्स ने फर्जी पहचान और एआई टूल्स का इस्तेमाल कर लगभग 100 अमेरिकी कंपनियों में रिमोट वर्कर के तौर पर नौकरी हासिल की। इनकी कमाई का सीधा संबंध प्योंगयांग के हथियार कार्यक्रमों से था। अमेरिकी न्याय विभाग ने सोमवार को इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
एफबीआई ने खुलासा किया कि इस जासूसी नेटवर्क का संचालन करने के लिए 16 अमेरिकी राज्यों में फैले 29 ‘लैपटॉप फार्म’ का इस्तेमाल किया जा रहा था, जहाँ से 200 लैपटॉप और कई फर्जी अकाउंट जब्त किए गए। इस ऑपरेशन में एक अमेरिकी नागरिक झेनशिंग डैनी वांग को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसने कथित तौर पर उत्तर कोरियाई आईटी वर्कर्स को वैध दिखाने के लिए चीन और ताइवान के साथ मिलकर फर्जी कंपनियाँ बनाईं। इस साज़िश से लगभग 5 मिलियन डॉलर की कमाई हुई। इसके अलावा, चार उत्तर कोरियाई नागरिकों पर दो अमेरिकी कंपनियों से 9 लाख डॉलर की वर्चुअल करेंसी चोरी करने का भी आरोप है, जिसे क्रिप्टो मिक्सर के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग किया गया।