भूतों की बावड़ी चांद बावड़ी, जहां गुम हो गई थी पूरी बारात

भूतों की बावड़ी चांद बावड़ी, जहां गुम हो गई थी पूरी बारात

राजस्थान का दौसा जिला अपनी ऐतिहासिक और अद्भुत ‘चांद बावड़ी’ के लिए प्रसिद्ध है, जो आभानेरी गांव में स्थित है. नौवीं शताब्दी में निर्मित यह बावड़ी जल संरक्षण का एक अनूठा उदाहरण है. इसकी 3500 संकरी और ज्यामितीय पैटर्न वाली सीढ़ियां पर्यटकों को अचंभित कर देती हैं. स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, एक बार यहां एक बारात खो गई थी और कभी वापस नहीं लौटी, जिसके बाद इसे ‘भूतों की बावड़ी’ भी कहा जाने लगा.

यह बावड़ी सिर्फ अपनी गहराई और अनूठी बनावट के लिए ही नहीं, बल्कि इससे जुड़ी रहस्यमयी कहानियों के लिए भी जानी जाती है. पास ही स्थित हर्षत माता का प्राचीन मंदिर भी भक्तों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है. जयपुर से लगभग 88 किलोमीटर दूर यह स्थान कला, इतिहास और रोमांच में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन गंतव्य है.

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