हृदय रोग कार्डियोमायोपैथी क्या है? इस साइलेंट किलर से बचने के लिए जानें इसके लक्षण और उपचार

हृदय हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाने के लिए रक्त पंप करता है। हालांकि, आजकल हृदय की उचित देखभाल न करने के कारण कार्डियोमायोपैथी जैसी गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं। यह बीमारी सीधे हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता को प्रभावित करती है, जिससे हृदय की मांसपेशियां कमजोर या असामान्य हो जाती हैं। यह जन्मजात या अधिग्रहित दोनों हो सकती है और इसके कारण हृदय ठीक से काम नहीं कर पाता है।
कार्डियोमायोपैथी मुख्य रूप से डाइलटेड और हाइपरट्रॉफिक दो प्रकार की होती है। डाइलटेड कार्डियोमायोपैथी में हृदय की मांसपेशियां फैल जाती हैं और पतली हो जाती हैं, जबकि हाइपरट्रॉफिक में बाएं वेंट्रिकल की मांसपेशियां मोटी होकर रक्त प्रवाह में बाधा डालती हैं। इसके सामान्य लक्षणों में सांस फूलना, थकान, दिल की धड़कन बढ़ना, पैरों और टखनों में सूजन, खांसी, सीने में बेचैनी और चक्कर आना शामिल हैं। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, दिल का दौरा और कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव इसके कारण हो सकते हैं। इस साइलेंट किलर से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाना आवश्यक है, जैसे संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, धूम्रपान और शराब से परहेज करना। डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं (जैसे बीटा-ब्लॉकर्स) और जरूरत पड़ने पर पेसमेकर या डिफाइब्रिलेटर का उपयोग करके इसका इलाज संभव है।