भूतों का मेला या अंधविश्वास का गढ़? हाजीपुर में लगती है प्रेतों की सबसे बड़ी ‘अदालत’

भूतों का मेला या अंधविश्वास का गढ़? हाजीपुर में लगती है प्रेतों की सबसे बड़ी ‘अदालत’

भारत में विज्ञान की प्रगति के बावजूद आज भी कई क्षेत्रों में अंधविश्वास गहरा है. इसी का एक उदाहरण बिहार के हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला ‘भूतों का मेला’ है. कोनहारा घाट पर आयोजित होने वाले इस मेले को दुनिया का सबसे बड़ा भूतों का मेला बताया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर शुरू होने वाले इस अनुष्ठान को स्थानीय रूप से ‘भूत खेली’ कहा जाता है, जिसमें लाखों लोग बुरी आत्माओं से मुक्ति पाने आते हैं.

इस मेले में झाड़-फूंक करने वाले ओझा भी बड़ी संख्या में जुटते हैं, जो भूतों को पकड़ने और भगाने का दावा करते हैं. हैरानी की बात यह है कि यह सब प्रशासन की नाक के नीचे होता है, जबकि कार्तिक पूर्णिमा पर घाटों पर कड़ी निगरानी और सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं. अंधविश्वास को खत्म करने के लिए शिक्षा ही एकमात्र मार्ग है, क्योंकि वैशाली जिले में सक्रिय कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठातीं.

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