मोबाइल की लत! अकेलेपन के जाल में फंस रही युवा पीढ़ी

तकनीकी युग में आसान संचार के बावजूद, अकेलापन विश्व स्तर पर एक गंभीर समस्या बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, हर छह में से एक व्यक्ति खुद को सामाजिक रूप से अलग महसूस करता है। यह अकेलापन हर साल 8.7 लाख से अधिक लोगों की जान ले रहा है, जिसके मुख्य शिकार युवा पीढ़ी, बुजुर्ग और गरीब देशों के लोग हैं।
मोबाइल और स्क्रीन पर अत्यधिक निर्भरता अकेलेपन के मुख्य कारणों में से एक है। सोशल मीडिया पर हजारों दोस्त होने के बावजूद, आभासी रिश्ते वास्तविक मानसिक शांति या समर्थन देने में विफल रहते हैं। अकेलापन न केवल मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि शिक्षा, रोजगार और अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सामाजिक अलगाव स्ट्रोक, हृदय रोग, मधुमेह और समय से पहले मृत्यु के जोखिम को भी बढ़ाता है। स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए वास्तविक सामाजिक संबंध स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है।