प्रकृति से लेकर तकनीक तक – आधुनिक समाज किस तरह बदल रहा है? जानिए इस विशेष रिपोर्ट में

आधुनिक समाज में सुबह की शुरुआत अब मोबाइल स्क्रीन से होती है, जहाँ कभी माँ की आवाज या अलार्म घड़ी जगाती थी। चाय बनाने से लेकर दफ्तर जाने तक, हर कदम पर तकनीक और गैजेट्स का साथ अनिवार्य हो गया है। ईमेल, मैसेज और सोशल मीडिया अपडेट्स के साथ दिन की शुरुआत होती है, और कामकाज, मनोरंजन यहाँ तक कि मीटिंग्स भी अब मोबाइल पर सिमट गई हैं, जिसने पुस्तकालयों की जगह ऑनलाइन लेखों को दे दी है।
परिवहन के साधनों में बैलगाड़ी से लेकर गाड़ियों तक का सफर समय बचाने वाला साबित हुआ है, पर इसने शारीरिक गतिविधियों को भी कम किया है। समय देखने के लिए कभी सूर्य की चाल देखी जाती थी, फिर पॉकेट वॉच आई और अब स्मार्टफोन एवं स्मार्टवॉच ने समय के साथ-साथ स्वास्थ्य और संदेशों की भी जानकारी देना शुरू कर दिया है। जहाँ पहले लोग प्रकृति के करीब और संयुक्त परिवार में समय बिताते थे, आज वही समय मोबाइल स्क्रीन पर बीतता है। तकनीक के अनमोल फायदों के बावजूद, प्रकृति के साथ संतुलन बनाना और परिवार को समय देना ही समझदारी है, क्योंकि प्रकृति का सजीव अनुभव तकनीक से नहीं मिल सकता।