काम के बीच मानसिक तनाव कम करने की 5 तकनीकें, इन्हें जानकर तनाव मुक्त रहें
दैनिक जीवन की व्यस्तता में काम का दबाव अब हर पेशेवर का साथी है। समय पर काम पूरा करना, लक्ष्य हासिल करना, मीटिंग्स, डेडलाइन – सब मिलाकर सिर पर दबाव/तनाव बना ही रहता है। बहुत से लोग दिन के अंत में निराशा, अवसाद या मानसिक थकान का शिकार होते हैं। हालाँकि, कुछ जागरूकता और नियमित आदतें अपनाने से काम के बीच ही मानसिक तनाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।
1. छोटे-छोटे ब्रेक लें: सबसे पहले जो महत्वपूर्ण है, वह है काम के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लेना। लगातार घंटों काम करने से मस्तिष्क की थकान बढ़ती है और एकाग्रता कम हो जाती है। हर घंटे सिर्फ 5 मिनट का ब्रेक मस्तिष्क को तरोताज़ा कर देता है। इस समय खिड़की से बाहर देखना, आँखें बंद करके थोड़ा शांत रहना, या एक कप पानी पीना भी तनाव कम करता है। ब्रेक के माध्यम से मन और शरीर दोनों फिर से जीवंत हो जाते हैं, जिससे काम में भी गति लौट आती है।
2. गहरी साँस का अभ्यास करें: आप गहरी साँस लेने और छोड़ने का अभ्यास कर सकते हैं। अचानक तनाव बढ़ जाने पर लगातार साँस लेने और छोड़ने के माध्यम से शरीर और मन शांत होते हैं। इस साँस के अभ्यास को अंग्रेजी में ‘डीप ब्रीदिंग’ या ‘बॉक्स ब्रीदिंग’ कहते हैं। दिन में कई बार इसका अभ्यास करने से मानसिक शांति आती है और हृदय गति सामान्य होती है।
3. काम को बाँटें या टू-डू लिस्ट बनाएँ: कई बार एक साथ बहुत सारा काम दिमाग में होने पर तनाव और बढ़ जाता है। इसलिए हर दिन काम शुरू करने से पहले एक लिस्ट बना लेने से काम की प्राथमिकताएँ तय करना आसान हो जाता है। इससे एक के बाद एक काम पूरा करने पर आत्म-संतुष्टि मिलती है और मानसिक तनाव भी कम होता है। डिजिटल टास्क मैनेजर का उपयोग किया जा सकता है, या चाहें तो एक कॉपी में हाथ से लिखी लिस्ट बनाना भी प्रभावी है।
4. कार्यस्थल पर सकारात्मक रिश्ते बनाएँ: कार्यस्थल पर सकारात्मक रिश्ते बनाना मानसिक तनाव कम करने में मदद करता है। अगर ऑफिस में दोस्ताना संबंध हैं, तो काम का दबाव भी काफी हद तक सहनीय हो जाता है। सहकर्मियों के साथ कभी-कभी हल्की-फुल्की बातचीत, कैंटीन में एक साथ चाय पीना या एक साथ कोई छोटी खुशी मनाना काम में ध्यान बढ़ाते हैं और तनाव कम करते हैं। सामाजिक जुड़ाव सिर्फ मानसिक शक्ति ही नहीं देता, बल्कि काम के प्रति रुचि भी पैदा करता है।
5. तकनीक से थोड़ी देर का ब्रेक लें: दिन भर कंप्यूटर, फोन, ईमेल या मीटिंग्स के बीच रहने पर मन उबाऊ हो जाता है। दिन में कम से कम कुछ समय स्क्रीन से दूर रहना ज़रूरी है। दोपहर के खाने के समय मोबाइल दूर रखना, प्रकृति की ओर देखकर कुछ समय बिताना या ऑफिस की छत पर जाकर थोड़ी देर टहलना भी मन को हल्का करता है। यह थोड़ा सा ‘डिजिटल डिटॉक्स’ आपको मानसिक रूप से बहुत अधिक केंद्रित और शांत बनाएगा।
मानसिक तनाव से बचना संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ छोटी आदतें – ब्रेक लेना, साँस लेने का अभ्यास करना, काम को बाँटना, रिश्ते बनाए रखना और तकनीक से दूर रहना – ये पाँच तरीके अगर नियमित रूप से अभ्यास किए जाएँ, तो व्यस्ततम दिन भी बहुत अधिक सहनीय और आनंददायक बन सकते हैं।