एसिड रिफ्लक्स के लिए जो खा रहे हैं, उसी से एसिडिटी हो रही है? दोपहर के खाने के बाद खा सकते हैं दो चीज़ें

भारी खाना खाने के बाद ही कमरे में जाकर बिस्तर पर लेट गए! और इधर, आंखें बंद करने के कुछ देर बाद ही बेचैनी शुरू हो गई। असहज महसूस करने लगे। क्या करें समझ न आने पर शायद कुछ घूंट पानी पी लिया। लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ। बल्कि सीने में जलन और खट्टी डकारों की परेशानी शुरू हो गई! अगर ‘जीईआरडी’ यानी ‘गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज’ हो तो इस तरह की समस्या होती है।

यह एक पाचन संबंधी विकार है। मुंह और भोजन नली के जोड़ को विज्ञान की भाषा में ग्रासनली (Esophagus) कहते हैं, और जब पेट की सामग्री ग्रासनली में वापस आ जाती है तब इसे ‘गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज’ कहते हैं। इसके होने पर एसिड रिफ्लक्स की समस्या होती है।

भारी खाना खाने के तुरंत बाद लेट जाने पर भी कई बार यह समस्या हो सकती है। हालांकि कई बार हाईटस हर्निया के कारण भी जीईआरडी हो सकता है।

अगर बार-बार एसिडिटी, एसिड रिफ्लक्स की समस्या परेशान करे तो हल्का खाना खाने पर भी गले और सीने में जलन होगी। थोड़ी सी तली-भुनी चीज़ों से भी पेट में जलन होगी। यह समस्या होने पर दही खाने से फायदा होगा। लेकिन सीधा खट्टा दही नहीं, जानिए कैसे खाने से फायदा होगा।

दही का रायता

एक कप दही अच्छी तरह फेंट लें। उसमें खीरा बारीक कटा हुआ, प्याज बारीक कटा हुआ और कुछ पुदीने के पत्ते मिला दें। इसके बाद सूखी कढ़ाई में साबुत जीरा धीमी आंच पर भूनकर उसे पीसकर ऊपर से छिड़क दें। दोपहर के खाने के बाद दही का रायता खाने से एसिडिटी नहीं होगी।

दही की स्मूदी

दोपहर के खाने के बाद शाम को जब भूख लगे तब तली-भुनी चीज़ें खाने के बजाय दही की स्मूदी खा सकते हैं। एक कप दही में एक केला, एक चम्मच शहद और थोड़ी सी दालचीनी पाउडर मिला दें। सभी सामग्री को मिक्सर में अच्छी तरह ब्लेंड कर लें। स्मूदी तैयार हो जाए तो ऊपर से पुदीने के पत्ते बिखेर दें। यह स्मूदी खाने से अपच की समस्या कम हो जाएगी।

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