आपका ऑफिस बॉस ही आपको ‘मार’ डालेगा, पर हाथों से नहीं, काम से! जानते हैं कैसे बचें?

वर्क फ्रॉम होम हो या ऑफिस-लंबे समय तक डेस्क पर बैठकर कंप्यूटर पर नजरें गड़ाए काम करना अब रोज की तस्वीर है। बॉस के डर से सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक, कभी-कभी तो इससे भी ज्यादा समय तक कई कर्मचारी लगातार कुर्सी पर बैठे रहते हैं। इससे समय बचता है, काम पर ध्यान रहता है-सब ठीक है। लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि लगातार बैठे रहने की यही आदत चुपचाप दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा रही है।
व्यस्तता के दबाव में जब शरीर की पुकार सुनाई नहीं देती, तभी एक दिन अचानक हार्ट अटैक, ब्लॉकेज, हाइपरटेंशन या अचानक स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं दस्तक देती हैं। सवाल यह है-क्यों?
बैठने से रुक जाता है रक्त प्रवाह
विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठे रहने से शरीर में रक्त संचार की सामान्य गति कम हो जाती है। पैरों में रक्त जमा हो जाता है, हृदय की ओर रक्त संचार बाधित होता है। इसके कारण हृदय पर दबाव बढ़ता है। इसे स्टेसिस कहते हैं-जो लंबे समय में हार्ट फेलियर की संभावना पैदा कर सकता है।
इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है, कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है
कई अध्ययनों से साबित हुआ है कि जो लोग दिन में 8 घंटे से ज्यादा बैठे रहते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज और उच्च कोलेस्ट्रॉल का खतरा लगभग दोगुना होता है। जब शरीर की मांसपेशियां उपयोग में नहीं आतीं, तो इंसुलिन की कार्यक्षमता कम हो जाती है। रक्त में शर्करा का स्तर अनियंत्रित हो जाता है। साथ ही ‘बैड कोलेस्ट्रॉल’ यानी एलडीएल बढ़ता रहता है, जो सीधे धमनियों को ब्लॉक करके हृदय रोग की संभावना पैदा करता है।
पेट में चर्बी जमा होती है
बैठे रहने के दौरान कैलोरी बहुत कम जलती है। नतीजतन, थोड़ा अतिरिक्त भोजन खाने पर वह जमा हो जाता है। खासकर पेट के चारों ओर चर्बी जमा होती है। यह एब्डोमिनल फैट विसरल फैट होता है, जो हृदय के चारों ओर दबाव बनाता है। कई अध्ययनों में कहा गया है कि पेट की चर्बी हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है।
मानसिक तनाव और चिंता
लंबे समय तक काम, लगातार ध्यान और सीमित आवाजाही का मतलब मानसिक थकान है। मन चंचल, सिर भारी, काम के दबाव में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता रहता है। यह हार्मोन लंबे समय में दिल की धड़कन बढ़ाता है, रक्तचाप बढ़ाता है और हृदय की लय को बाधित करता है।
क्या करें?
हर 30 मिनट में उठें – थोड़ी देर टहलना, पानी पीना, खिड़की के पास जाकर खड़े होना-सब काम आएगा।
डेस्क के पास स्ट्रेचिंग रूटीन रखें – गर्दन, पीठ और पैरों का हल्का स्ट्रेच करने से रक्त संचार बना रहता है।
बैठने का तरीका ठीक रखें – सीधे होकर बैठना, स्क्रीन को आंखों के बराबर ऊंचाई पर रखना जरूरी है।
रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें या व्यायाम करें – इससे दिल सक्रिय रहता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
मन को तनावमुक्त रखें – काम के दौरान ध्यान, श्वास नियंत्रण या हल्का संगीत सुनकर मन हल्का करें।
अगर दिन का बड़ा हिस्सा कुर्सी पर बैठकर ही बीत जाता है, तो वही कुर्सी एक दिन हृदय की दुश्मन बन सकती है। इस आदत को न सुधारा जाए तो शरीर के अंदर धीरे-धीरे क्षरण होता रहेगा। याद रखें, हृदय रोग अचानक झटका देता है-लेकिन समस्या दिनों-दिन होने वाली अनियमितताओं से पैदा होती है। इसलिए सतर्क रहें, जागरूक रहें, और कभी-कभी अपने लिए थोड़ा चलें।