आँख फड़कना शुभ या अशुभ? विज्ञान का स्पष्ट उत्तर

हम अक्सर अचानक आँख फड़कने का अनुभव करते हैं। कुछ लोग इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जबकि कुछ तुरंत कहते हैं “कुछ होने वाला है”, “कोई याद कर रहा है” या “बुरी खबर आएगी”।
हमारे समाज में आँख फड़कने को लेकर कई मिथक और गलत धारणाएँ हैं। लेकिन वैज्ञानिक रूप से आँख फड़कना वास्तव में क्या है और इसके पीछे के कारण क्या हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे का असली विज्ञान और लोगों में प्रचलित मिथकों व गलत धारणाओं को।
आँख फड़कना क्या है
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, आँख फड़कने को “आँख फड़कना” या “मायोकेमिया” कहा जाता है। यह एक सामान्य और आमतौर पर हानिरहित प्रतिक्रिया है, जो पलकों की मांसपेशियों के अनैच्छिक संकुचन के कारण होती है। यह फड़कना कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकता है और फिर अपने आप बंद हो जाता है।
आँख फड़कने के वैज्ञानिक कारण
- नींद की कमी पर्याप्त नींद न लेने पर आँखों पर दबाव पड़ता है और पलकों की मांसपेशियों में फड़कन हो सकती है।
- मानसिक तनाव मानसिक तनाव या चिंता बढ़ने से मस्तिष्क और मांसपेशियाँ प्रभावित होती हैं, जिससे आँखें फड़क सकती हैं।
- कॉफी या कैफीन का अधिक सेवन कॉफी, चाय या एनर्जी ड्रिंक्स का अधिक सेवन मस्तिष्क को ज़्यादा उत्तेजित कर सकता है, जिससे मांसपेशियाँ फड़क सकती हैं।
- आँखों पर ज़ोर मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन पर लगातार देखने से आँखों पर दबाव पड़ सकता है और पलकें फड़क सकती हैं।
- पोषक तत्वों की कमी मैग्नीशियम की कमी वाले लोगों में विशेष रूप से आँख फड़कने की प्रवृत्ति होती है।
- एलर्जी या आँखों में जलन धूल, धुएँ या अन्य एलर्जी के कारण आँखों में जलन होने पर भी आँखें फड़क सकती हैं।
लोकप्रिय मान्यताएँ क्या कहती हैं
आँख फड़कने को लेकर भारतीय समाज में विभिन्न मान्यताएँ हैं। उदाहरण के लिए
- दाहिनी आँख फड़कने पर शुभ समाचार आता है।
- बाईं आँख फड़कने पर बुरी घटना हो सकती है।
इन मान्यताओं को पुरुष और महिलाओं द्वारा अलग-अलग तरीके से माना जाता है। कुछ जगहों पर, इन चीज़ों को शुभ माना जाता है, जबकि कुछ जगहों पर इन्हें अशुभ माना जाता है। हालांकि, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह पूरी तरह से अंधविश्वास है, और इसे मानने का कोई कारण नहीं है।
आँख फड़कना रोकने के उपाय
- पर्याप्त नींद लें और मानसिक तनाव कम करें।
- आँखों को आराम दें।
- कैफीन की मात्रा कम करें।
- अपने आहार में मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे पालक, बादाम, बीन्स शामिल करें।
- अगर आँखों में एलर्जी है तो किसी चक्षु विशेषज्ञ से सलाह लें।