पति-पत्नी एक थाली में क्यों न खाएं खाना? चौंका देंगे ये 3 कारण

महाभारत के अनुसार, पति-पत्नी का एक थाली में भोजन करना ठीक नहीं माना जाता. भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को इसके पीछे के कुछ महत्वपूर्ण कारण बताए थे. ये वजहें मनोवैज्ञानिक हैं और आज भी प्रासंगिक मानी जाती हैं.
क्या कहते हैं भीष्म पितामह?
भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था कि पति-पत्नी को कभी भी एक ही थाली में भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा भोजन विष के समान होता है. इसके पीछे कई मनोवैज्ञानिक कारण हैं, जिनमें से एक है रोगों का एक से दूसरे में फैलना. आयुर्वेद भी इस बात को स्वीकार करता है.
प्रेम में बढ़ोतरी बन सकती है कलह का कारण
महात्मा भीष्म के अनुसार, यदि पति-पत्नी साथ में भोजन करेंगे तो उनके बीच प्रेम अत्यधिक बढ़ेगा. ऐसी स्थिति में पति अपने अन्य कर्तव्यों को छोड़कर सिर्फ पत्नी पर ही आसक्त रह सकता है. यह स्थिति परिवार के भरण-पोषण के लिए ठीक नहीं मानी जाती.
पत्नी के लिए परिवार की जिम्मेदारी निभाना होगा मुश्किल
जब पति-पत्नी में अत्यधिक प्रेम होगा, तो पत्नी परिवार के प्रति अपनी अन्य जिम्मेदारियां निभाने में गलतियां कर सकती हैं. यह स्थिति परिवार की खुशहाली में बाधा डाल सकती है और परिवार के अन्य सदस्य भी इस वजह से परेशानी का अनुभव कर सकते हैं. इसलिए भी पति-पत्नी को अपनी मर्यादा में रहते हुए आचरण करना चाहिए. भीष्म पितामह का यही कहने का अर्थ था.