क्या आपको दाल नहीं भिगोनी चाहिए? हार्वर्ड के शोध को सुनकर आप हैरान हो जाएंगे!

बंगाली लोग अपने खाने में दाल के बिना नहीं रह सकते, और दाल उनमें सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है। बहुत से लोगों को दाल इसलिए पसंद होती है क्योंकि ये जल्दी पक जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जल्दी पकने की इस आदत में एक बड़ी गलती छिपी है? हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने दाल के बारे में ऐसी जानकारी दी है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
ऐसे फ़ायदे जो आपकी सोच बदल देंगे
हार्वर्ड के टीएच चैन स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ के एक नए अध्ययन में कहा गया है कि दाल को पकाने से कम से कम 30 मिनट से 1 घंटे पहले भिगोने से उनकी गुणवत्ता बढ़ जाती है। दाल में मौजूद फाइटेज़ एंजाइम सक्रिय हो जाता है और फाइटिक एसिड को तोड़ देता है, जिससे कैल्शियम, आयरन और जिंक जैसे ज़रूरी मिनरल शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित किए जा सकते हैं।
इसके अलावा, दाल को भिगोने से एमाइलेज नामक तत्व सक्रिय हो जाता है। यह दाल में मौजूद जटिल शर्करा को तोड़ता है और पाचन प्रक्रिया को आसान बनाता है।
पेट फूलने और गैस की समस्या से राहत
दाल खाने के बाद कई लोगों को पेट फूलने या गैस की समस्या होती है। इसका कारण दाल में मौजूद ऑलिगोसेकेराइड है। शोधकर्ताओं का कहना है कि दाल को भिगोने से इस तत्व की प्रभावशीलता कम हो जाती है। इसलिए जो लोग दाल खाने के बाद गैस की समस्या से पीड़ित हैं, वे दाल को भिगोकर देखें और बहुत राहत पाएँ।
इसलिए, अगर आप दाल पकाने से पहले थोड़ा ज़्यादा समय भी लगाते हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद हो सकता है। आज से ही खाना पकाने से पहले दाल को भिगोने की आदत डालें।