कार्डियक अरेस्ट बनाम हार्ट अटैक कौन ज्यादा जानलेवा

आजकल अचानक हो रही मौतों के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है, जहां हंसते-खेलते व्यक्ति का दिल अचानक काम करना बंद कर देता है. दरअसल, लोग अक्सर हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक ही समझ लेते हैं, जबकि दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं. कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल का इलेक्ट्रिकल सिस्टम खराब हो जाता है, जिससे दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है और शरीर में खून का संचार बंद हो जाता है. यह अक्सर बिना किसी चेतावनी के आता है और यदि 2-4 मिनट के भीतर सीपीआर या तत्काल मेडिकल सहायता न मिले, तो जान जा सकती है.
वहीं, हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की मांसपेशियों को खून पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट आ जाती है. इसके लक्षण जैसे सीने में दर्द और सांस की तकलीफ धीरे-धीरे दिखते हैं, जिससे मरीज को इलाज के लिए समय मिल जाता है. कार्डियक अरेस्ट की गंभीरता हार्ट अटैक से कहीं ज्यादा है, क्योंकि इसमें मरीज को संभलने का मौका नहीं मिलता. बेहोशी, सांस रुकना और धड़कन बंद होना इसके मुख्य लक्षण हैं, जिस कारण कार्डियक अरेस्ट होने पर तुरंत सीपीआर और इमरजेंसी सहायता बेहद ज़रूरी है.