शेफ: होटल-रेस्तरां में शेफ हमेशा लंबी, सफेद टोपी क्यों पहनते हैं?
होटल-रेस्तरां में शेफ एक मुख्य आकर्षण होते हैं। सफेद पोशाक, एप्रन और सफेद-लंबी टोपी पहने शेफ का पहनावा जितना आकर्षक होता है, उनका खाना भी उतना ही लाजवाब होता है। शेफ को लेकर हर किसी की दिलचस्पी रहती है।
होटल-रेस्तरां में शेफ के खाने के साथ-साथ उनकी पोशाक को लेकर भी लोगों में जिज्ञासा बनी रहती है। समय के साथ शेफ की पोशाक में बदलाव आया है।
होटल-रेस्तरां में शेफ ही राजा होते हैं। उनके सिर पर मुकुट के रूप में टोपी होती है, जिससे वे अलग ही नजर आते हैं।
शेफ की लंबी-सफेद टोपी धातु से नहीं बल्कि कपड़े से बनी होती है। इसका वजन बहुत ज्यादा नहीं होता है।
होटल-रेस्तरां में शेफ की टोपी का वजन ज्यादा न होने के बावजूद, यह जिम्मेदारी का प्रतीक है। शेफ की पोशाक और टोपी पहनने के बाद मेहमानों को खुश करने की जिम्मेदारी होती है।
कई पारंपरिक रेस्तरां में शेफ की पदवी के अनुसार उनकी टोपी की ऊंचाई तय होती है। जिसकी पदवी जितनी ऊंची होती है, उसकी टोपी की ऊंचाई भी उतनी ही ज्यादा होती है।
शेफ का खाना बनाना निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ ही उनकी पोशाक और टोपी भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।
रेस्तरां के शेफ की विशेष टोपी को ‘टॉक’ या ‘टॉक ब्लैंक’ कहा जाता है, जिसका अर्थ सफेद टोपी है।
प्राचीन ग्रीस से ही रेस्तरां के शेफ द्वारा सफेद टोपी पहनने का चलन है। हालांकि, वर्तमान समय में जो टोपी देखी जाती है, वह 1800 के दशक में शुरू हुई थी।
शेफ की टोपी की ऊंचाई जहां उनके पदवी का परिचय देती है, वहीं उसमें कितनी प्लीट्स हैं, वह उनकी खाना पकाने की दक्षता का सूचक है। यदि किसी शेफ की टोपी में 100 प्लीट्स हैं, तो इसका अर्थ है कि वह 100 अलग-अलग तरीकों से अंडे पका सकते हैं।
शेफ जब टोपी पहनते हैं तो उनके बाल ढके रहते हैं। इससे खाने में बाल गिरने की आशंका नहीं रहती है। टोपी बालों का पसीना भी सोख लेती है, जिससे खाना बनाते समय पसीना खाने में नहीं गिरता।